Aashiqui Shayari For Hindi Poetry Collection, Sad Poerty is Collection Amazing of sad poetry Aashiqui Shayari You can Also Share Your Words With Your freinds For The Best Poerty Love Is For Those Who Say Misery

हम जैसा आशिक-ऐ-दिल तुझे कही भी नही मिलेगे क्योकि
एक हम ही हे जो तेरे सितम भी सहेगे और तुझे प्यार भी करेंगे
अभी तो चंद लफ़्ज़ों में समेटा है तुझे
अभी तो मेरी किताबों में तेरा सफ़र बाक़ी है
सफर ऐ जिन्दगी में जब कोई मुश्किल मुकाम आया
न गैरों ने तवज्जो दी न अपना कोई काम आया
काश कोई पैमाना होता मोहब्बत मापने का
तो हम शान से आते तेरे सामने #सबूत के साथ
तेरी झील सी आँखों मे डूबना चाहता हूं
साथ तेरे में जिंदगी अपनी बिताना चाहता हूँ
रहता हूँ आजकल तेरे हुस्न के नशे में चूर
पास तेरे आकर होश में अपना गवांना चाहता हूँ
Aashiqui Shayari in english
जमाने में तन्हाई का आलम तो देखिए
हम खुद ही ताकते है ले लेकर सेल्फियाँ
मुमकिन नही है हर नजर में बेगुनाह रहना
कोशिश करें कि खुद की नजरों में #बेदाग हों
मुझे तालीम दी है मेरी फितरत ने ये बचपन से
कोई रोये तो आँसू पोंछ देना अपने दामन से
ये लाली, ये काजल, जुल्फें भी खुली खुली
यूँ ही जान मांग लेती, इतना इंतज़ाम क्यूं किया
ऐ ज़ालिम जिंदगी तू कैसे कैसे सितम कर जाती है
जितनी मेरी उम्र नहीं उससे ज्यादा जख्म दे जाती है
मैं नज़र से पी रहा हूँ ये समाँ बदल न जाए
न झुकाओ तुम निग़ाहें कहीं रात ढल न जाए
जिंदगी के सफ़र की घड़ियां यूँ तो कठिनाइयों से गुजर रही है
अफ़सोस की बात है चेहरे की रंगत तो कही ओर बसर कर रही है
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कारवाँ -ए -ज़िन्दगी हसरतो के सिवा कुछ भी नहीं
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं ये मिला नहीं, वो रहा नहीं
हर किसी के नसीब में कहा लिखी होती हे चाहते
कुछ लोग दुनिया में आते हे सिर्फ तन्हाइयों के लिए

कयामत से कम नही है तेरा मेरी गली से गुजर जाना
मुस्कराना, पीछे मुडकर देखना और निकल जाना
कोई सस्ता सा इलाज हो तो बताना
एक गरीब को इश्क हुआ है मँहगाई के इस दौर में
नही जानता कोई अपने शहर में हमे
अन्जान लोगों में काफी मशहूर है हम
हम हमसफर ही नही रोनक ऐ महफिल भी है
मुद्दतों याद ऱखोगे जिन्दगी में कोई आया था
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नाजुक तो हम भी है पीना के बुलबुले की तरह
जरा सा नजर अंदाज करोगे तो ढूढते रह जाओगे
ये आईने नही दे सकते तुझे तेरे हुस्न की ख़बर
कभी मेरी इन आँखों से आकर पूछ तुम कितनी हसीन हो
कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको
चलो ऐसा करो भूला दो मुझको
तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये
दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको
आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी
जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगी
कभी पलटोगे ज़िन्दगी के यह पन्ने
तब शायद आपकी आँखों से भी बरसातें होंगी
ऐ मोहब्बत, तुझे पाने की कोई राह नही
तू तो उसे ही मिलेगी जिसे तेरी परवाह नहीं
मुझे रिश्ता की लम्बी कतारों से मतलब नही
कोई दिल से मेरा हो तो एक शक्स ही काफी है
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ना चाँद अपना था और ना तू अपना था
काश दिल भी मान लेता की सब सपना था
कौन करता था वफ़ाओं के तकाज़े तुमसे
हम तो बस तेरी झूठी तसल्ली के तलबगार थे
दीदार हमारे सनम का कोई ईद से कम नहीं
सनम हमारा यारों कोई चाँद से कम नहीं
जिंदगी जला दी हमने जब जैसी जलानी थी
अब धुऐं पर तमाशा कैसा और राख पर बहस कैसी

ग़ज़ल भी मेरी है पेशकश भी मेरी है मगर
लफ्ज़ो में छुप के जो बैठी है वो बात तेरी है
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न आँखों से छलकते हैं, न कागज पर उतरते हैं
कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं जो बस भीतर ही पलते हैं
नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से
मैंने आने न दिया उसको कभी तेरी याद से पहले
नज़र अंदाज़ करने की वज़ह क्या है बता भी दो
मैं वही हूँ जिसे तुम दुनिया से अलग बताती थी
Best Aashiqui Shayari
जो फाँस चुभ रही है दिलों में वो तू निकाल
जो पाँव में चुभी थी उसे हम निकाल आए
ये मेरा इश्क़ था या फिर दीवानगी की इंतेहा
कि तेरे ही करीब से गुज़र गए तेरे ही ख्याल में
मजबूरियों के नाम पर दामन चुरा गये
वो लोग जिनकी मोहब्बत में दावे हजार थे
किसे खोज रहे तुम इस गुमनाम सी रुह में
वो लफ़्जो में जीने वाला अब खामोशी में रहता है
तेरा मन और मेरा मन, जिस दिन सांझा हो जाएगा
तेरी धड़कन हीर हो जायेगी, मेरा दिल रांझा हो जाएगा
मुमकिन हो तो मेरे दिल मे रह लो
इससे हसीन मेरे पास कोई घर नही
Latest Aashiqui Shayari
वो एक दिन जो मुक़र्रर था मुहब्बत के लिए
वो एक दिन तो तुझे सोचने में ही बीत गया
आज हम दोनो को है फुरस्त चलो इश्क करे
इश्क है दोनो की ही जरूरत चलो इश्क करे
हाँ है, तो मुस्कुरा दे ना है तो नज़र फेर ले
यूँ शरमा के आँखें झुकाने से उलझनें बढ़ रही हैं
काश मैं ऐसी गजल लिखूं तेरी याद में
तेरी शक्ल दिखाई दे हर अल्फाज में
प्रेम यक़ीन दिलाने का मोहताज नहीं होता
एक दिल धड़कता है तो दुजा समझता है
हम तो फूलों की तरह अपनी आदत से बेबस हैं
तोडने वाले को भी खुशबू की सजा देते हैं
जब जब में लेता हूँ साँस तू याद आती है
मेरी हर एक साँस मे तेरी खुश्बू बस जाती है
कैसे कहूँ तेरे बिना में ज़िंदा हूँ
क्यूंकी हर साँस से पहले तेरी खुसबु आती है
मिल जाता है दो पल का सुकूंन बंद आँखों की बंदगी में
वरना परेशां कौन नहीं अपनी-अपनी ज़िंदगी में
दुश्मनी में दोस्ती का थोड़ा सा सिलसिला रहने दिया
उसके सारे ख़त जलाए बस पता बाकी रहने दिया
एहसास की नमी बेहद जरुरी है हर रिश्ते में
वरना रेत भी सूखी हो तो निकल जाती है हाथों से
खामोश तुम्हारी नजरों ने एक काम गजब का कर डाला
पहले थे हम दिल से तन्हा अब खुद से ही तन्हा कर डाला
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