Breakup Shayari

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Breakup image of Couple Shayari

एक तेरा नाम लेते ही मेरे चेहरें पर मुस्कान आ जाती है
मै कितनी ही मुश्किल में क्यों ना हूं मेरी जान में जान आ जाती है

वक़्त के मोड़ पे ये कैसा वक़्त आया है
ज़ख़्म दिल का ज़ुबाँ पर आया है
न रोते थे कभी काँटों की चुभन से
आज न जाने क्यों फूलों की खुशबू से रोना आया है

शीशे में डूब कर पीते रहे उस जाम को
कोशिशें की बहुत मगर भुला न पाए तेरे एक नाम को

हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन
अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को.

मुझ पर अपना इश्क यूँ ही उधार रहने दे
बड़ा हसीन है ये कर्ज मुझे अपना कर्जदार रहने दे

तुम्हारा दिल मिरे दिल के बराबर हो नहीं सकता
वो शीशा हो नहीं सकता ये पत्थर हो नहीं सकता

मैंने सोचा था समझोगे तुम मेरे हालात
लेकिन तुमनें तो ख़्यालात ही बदल दिए

कोई खबर नही उनकों,क्या हम पर गुज़री है
अकेले तन्हा तन्हा रातेंदर्द बन कर सीने से उतरी है

एक खता हुई है हमसें, जो तेरा दीदार कर लिया
दुसरा तो गुनाह ही हो गया, जो तुमसें ही प्यार कर लिया

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Hindi Breakup Shayari

तुम लाख छुपाओ सीने में एहसास हमारी चाहत का
दिल जब भी तुम्हारा धड़का है आवाज यहां तक आई है

तू ज़ुल्म कहॉं तक ढायेगा देखें किस हद तक जायेगा
हॉं झूठ फ़ना होगा इक दिन और सच का अलम लहरायेगा

जिन्दगी की दौड़ में तजुर्बा कच्चा ही रह गया
हम सीख न पाये ‘फरेब’ और दिल बच्चा ही रह गया

मुस्करा कर देखो तो सारा जहा रंगीन है
वर्ना भीगी पलको से तो आईना भी धुधंला नजर आता है

उदासी, शाम, तन्हाई, यादे, बेचैनी
मुझे सब सौंपकर सुरज उतर जाता है पानी मे

सौ दर्द हैं महोब्बत में बस एक राहत हो तुम
नफ़रतें बहुत हैं जहाँ में बस एक चाहत हो तुम

palkon pe ruk gaya

Breakup Shayari Two Lines

ये मत पूछ के एहसास की शिद्दत क्या थी
धूप ऐसी थी के साए को भी जलते देखा

बस तेरी यादों से ही है तारीफ मेरी
वर्ना ये सारा जहान तो मुझे अजनबी सा लगता है

प्यार में सबसे बड़ा खुशनसीब वह, जो झुक जाए
और सबसे बड़ा बदनसीब वह जो अकड़ जाए

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा
यादें कटती हैं ले-ले कर नाम तेरा
मुद्दत से बैठे हैं ये आस पाले कि
आज आयेगा कोई पैगाम तेरा

Palkon Pe Ruk Gaya Hai Samundar Khumaar Ka
Kitnaa Ajab Nashaa Hai Tere Intezaar Ka

तेरे पास भी कम नहीं, मेरे पास भी बहुत हैं
ये परेशानियाँ आजकल फुरसत में बहुत हैं

अब जो मेरे न हो सको तो कुछ ऐसा कर देना
मैं जैसा पहले था मुझे फिर से वैसा कर देना

हीरों की बस्ती में हमने कांच ही कांच बटोरे हैं
कितने लिखे फ़साने फिर भी सारे कागज़ कोरे है

Mujhe Chhodkar Woh Khush Hai To Shikayat Kaisi
Ab Main Unhe Kush Bhi Na Dekhu Toh Mohabbat Kaisi