ना छेड़ किस्सा वोह उल्फत का बड़ी लम्बी कहानी है
मैं जिन्दगी से नहीं हारा किसी अपने की मेहरबानी है
agar aap ko yaqeen hai ke kamiyabi mahnat se nahi
bakle kismat se milti hai
to phir aap mahnat ke liye kabhi taiyaar nhi honnge
aur ye yaqeen aap ko nakaam kar dega
आज भी हर समस्या का अंतिम हल माफ़ी ही है
इसलिए जब भी ऐसा वक़्त आय तो माफ़ करो या माफ़ी मांग लो
दोसरों का बुरा वक़्त इतना दिल्च्प्स होता है के
उसे देखते हुवे अपनी ज़िन्दगी का सर्कस याद नहीं रहता