दर्द किया होता है बतायेंगे एक रोज़
प्यार की गजल सुनायेंगे किसी रोज़
थी उनकी जिद की में जाऊ उनको मानाने
मुजको ये वेहम था वो बुलायेंगे किसी रोज़
ले चला जान मेरी रूठ के जाना तेरा
ऐसे आने से तो बहेतर था न आना तेरा
वो शख्स जिसे तूने छोड़ने की जल्दी की
तेरे मिज़ाज के सोंच में ढाल भी सकता था
वो जल्दबाजी में खफा हो के चल दिया वरना
नतीजे का कोई हल निकल भी सकता था
तमाम उम्र तेरा मुताज़िर रहा मोहसिन
ये और बात थी के वो रास्ता बदल भी सकता था