बस एक माफ़ी तौबा कभी जो इससे सताए तुम को
लो हाथ जुड़े लो कान पकडे अब और कैसे मनाये तुमको
तुम्हारे आते ही इस नगर से हमें तानाफत सी हो गई
में शरारत भी कैसे सह लो के छोड़ रही है हवाएँ भी तुमको
माफ़ी मांगने का ये मतलब नहीं होता के हम गलत और सही है
बलके असल मतलब ये है
के हम रिश्ता निभाने की सलायियत इस से जायदा है
आबाद रहेगी ये दुनिया हमारे बाद भी
हम नहीं होंगे तो कोई और हम सा होगा