Ye bhi accha hua ki hum use paa na sake
Wo humara ho kar bicchadta to qayamat hoti
बहुत आसान है इश्क़ में हार के खुदखुशी कर लेना
कितना मुश्किल है यहा जीना ये हमसे भी पूछ लेना
याद रखना भी बहुत हिम्मत का काम है
क्योंकि किसी को भुला देना आजकल बहुत आम है
फिजूल हैं सारी दलीलें और गवाह दीवानों की वकालत में
सुकून का कानून ही नही होता इश्क की अदालत में
मुझे छोड़ दे मेरे हाल पर तेरा क्या भरोसा है चारा-गर
ये तेरी नवाज़िश-ए-मुख़्तसर मिरा दर्द और बढ़ा न दे
Agar kuch sikhna hi hai to khamoshi ko padhna sikh lo
Warna lafzo ke matlab to hazaro nikalte hai
जब करवट बदलते हुए तुम्हारी याद आती है
उस वक्त मोहब्बत हमे खूब तड़पाती है